Mirza Ghalib Famous Shayari on Love: Vo umar bhar kehte rhe 1

Mirza Ghalib Famous Shayari on Love: Vo umar bhar kehte rhe

Mirza Ghalib Famous Shayari on Love: Vo umar bhar kehte rhe

वो उम्र भर कहते रहे, तुम्हारे सीने में दिल ही नहीं,
दिल का दौरा क्या पड़ा, ये दाग भी धुल गया।

Vo umar bhar kehte rhe, tumhare seene mein dil hee nahin,
Dil ka daura kya pada, ye daag bhee dhul gaya.

English translation of Ghalib famous Shayari

He kept saying all his life, there is no heart in your chest,
When I got a heart attack, this stain has also been washed away.

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Top 10 Best Mirza Ghalib Shayari in Hindi

Mirza Ghalib Shayari in hindi

Mirza Ghalib Shayari in Hindi मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी हिंदी में

मिर्जा गालिब उर्दू, फारसी और हिंदी के सबसे प्रसिद्ध शायर हैं। वह मुगल काल के एक प्रसिद्ध कवि और बुद्धिजीवी थे। उनकी कविताओं को उनकी सुंदरता, सादगी और समझने में आसान भाषा के लिए जाना जाता है। दोस्तों जहा भी शेर-ओ-शायरी का ज़िक्र जहा होता वहा सबसे पहले  नाम महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का आता हैं.  ग़ालिब उर्दू शायरी का वह चमकता सितारा हैं जो आज भी आकाश के चमचमाते तारे  की तरह चमक रहा।

ग़ालिब की शायरी के उदाहरण निम्नलिखित है:

♥तुम न आए तो क्या सहर न हुई;
हाँ मगर चैन से बसर न हुई;
मेरा नाला सुना ज़माने ने;
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई।
~ Mirza Ghalib

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

♥देखिये पाते हैं उश्शाक़, बुतों से क्या फ़ैज़;
एक ब्राह्मण ने कहा है, कि यह साल अच्छा है!
~ Mirza Ghalib

♥सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे।
~ Mirza Ghalib

♥इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतश ग़ालिब, कि लगाए न लगे और बुझाए न बने।

~ Mirza Ghalib

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

♥दुख देकर सवाल करते हो,
तुम भी गालिब, कमाल करते हो;

देख कर पुछ लिया हाल मेरा,
चलो इतना तो ख्याल करते हो;

शहर-ए-दिल मेँ उदासियाँ कैसी,
ये भी मुझसे सवाल करते हो;

मरना चाहे तो मर नही सकते,
तुम भी जीना मुहाल करते हो;

अब किस-किस की मिसाल दूँ तुमको,
तुम हर सितम बेमिसाल करते हो।
~ Mirza Ghalib

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

♥बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लहज़ा निगाह,

जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है।

~ Mirza Ghalib

♥ज़िक्र उस परी-वश का और फिर बयाँ अपना;
बन गया रक़ीब आख़िर था जो राज़-दाँ अपना।
~ Mirza Ghalib

♥कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीम-कश को;
ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता।
~ Mirza Ghalib

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

♥मशरूफ रहने का अंदाज़ तुम्हें तनहा ना कर दे ‘ग़ालिब’;
रिश्ते फुर्सत के नहीं तवज्जो के मोहताज़ होते हैं।
~ Mirza Ghalib

♥हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है;
तुम्ही कहो कि ये अंदाजे-गुफ्तगू क्या है;

न शोले में ये करिश्मा न बर्क में ये अदा;
कोई बताओ कि वो शोखे-तुंद-ख़ू क्या है;

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

♥ये रश्क है कि वो होता है हमसुखन तुमसे;

वरगना खौफे-बद-अमोजिए-अदू क्या है;

चिपक रहा है बदन लहू से पैरहन;
हमारी जेब को अब हाजते-रफू क्या है;

जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा;
कुरेदते हो जो अब राख, जुस्तजू क्या है;

बना है शह का मुसाहिब, फिरे है इतराता;
वगरना शहर में ग़ालिब कि आबरू क्या है।
~ Mirza Ghalib

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Ghalib Shayari on Love | Top 15 Ghalib Shayari Love

Top 15 Ghalib Shayari on Love | Mirza Ghalib Shayari in Hindi | Ghalib Shayari on Love

Top 15 Ghalib Shayari on Love | Mirza Ghalib Shayari in Hindi | Ghalib Shayari on Love

जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ ग़ालिब

ज़ख्म का एहसास तब हुआ

जब कमान देखी अपनों के हाथ में।

jab laga tha teer tab itana dard na hua gaalib

zakhm ka ehasaas tab hua

jab kamaan dekhee apanon ke haath mein।

Ghalib did not feel so much pain when the arrow was hit.

felt the hurt

When I saw the command in the hands of my own people.

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ज़िन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते,

कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िन्दगी देकर।

zindagee se ham apanee kuchh udhaar nahee lete,

kafan bhee lete hai to apanee zindagee dekar.

We do not borrow anything from life,

Even if they take the shroud, then by giving their life.

Ghalib Shayari on Love

हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,

जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा।

ham na badalenge vaqt kee raftaar ke saath,

jab bhee milenge andaaj puraana hoga.

We will not change with the speed of time,

Whenever we meet, the style will be old.

खैरात में मिली ख़ुशी मुझे अच्छी नहीं लगती ग़ालिब,

मैं अपने दुखों में रहता हु नवावो की तरह।

khairaat mein milee khushee mujhe achchhee nahin lagatee gaalib,

main apane dukhon mein rahata hu navaavo kee tarah.

Ghalib, I do not like the happiness received in charity.

I live in my sorrows like a bishops.

Ghalib Shayari on Love

हम तो फना हो गए उसकी आंखे देखकर गालिब,

न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।

ham to phana ho gae usakee aankhe dekhakar gaalib,

na jaane vo aaina kaise dekhate honge.

Ghalib, we were destroyed after seeing his eyes.

Don’t know how they must be looking at the mirror.

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Ghalib Shayari on Love


दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए,

दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए।

dard jab dil mein ho to dava keejie,

dil hee jab dard ho to kya keejie.

When the pain is in the heart, then do medicine,

What to do when the heart itself is in pain.

Ghalib Shayari on Love

मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब

यह न सोचा के

एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी

main naadaan tha jo vafa ko talaash karata raha gaalib

yah na socha ke

ek din apanee saans bhee bevapha ho jaegee

I was innocent who kept searching for Wafa Ghalib

did not think that

one day even your breath will be unfaithful

Ghalib Shayari on Love

फ़िक्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ
मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ !!
fikr-e-duniya mein sar khapaata hoon
main kahaan aur ye vabaal kahaan !!
I spend my head in the worries of the world
Where am I and where is this chaos!!

Ghalib Shayari on Love

वो जो काँटों का राज़दार नहीं,

फ़स्ल-ए-गुल का भी पास-दार नहीं !!

vo jo kaanton ka raazadaar nahin,

fasl-e-gul ka bhee paas-daar nahin !!

The one who is not the secret of thorns,

Fasal-e-Gul doesn’t even have a pass-door!!

Ghalib Shayari on Love

तू मिला है तो ये अहसास हुआ है मुझको,
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोड़ी है ….
too mila hai to ye ahasaas hua hai mujhako,
ye meree umr mohabbat ke lie thodee hai …
I have got this feeling when I have met you,
This is my age for love…

Ghalib Shayari on Love

हम जो सबका दिल रखते हैं

सुनो, हम भी एक दिल रखते हैं

ham jo sabaka dil rakhate hain

suno, ham bhee ek dil rakhate hain

all we care about

listen, we also have a heart

Ghalib Shayari on Love

लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में ,
और हम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते
log kahate hai dard hai mere dil mein,
aur ham thak gae muskuraate muskuraate
People say that there is pain in my heart,
and we’re tired of smiling

 

Ghalib Shayari on Love

लफ़्ज़ों की तरतीब मुझे बांधनी नहीं आती “ग़ालिब”।

हम तुम को याद करते हैं सीधी सी बात है।

lafzon kee tarateeb mujhe baandhanee nahin aatee “gaalib”.

ham tum ko yaad karate hain seedhee see baat hai.

I don’t know how to string words, “Ghalib”.

We miss you, it’s a simple matter.

Ghalib Shayari on Love

आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए
साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था
aaeena dekh apana sa munh le ke rah gae
saahab ko dil na dene pe kitana guroor tha
Looking at the mirror, you remained with your own face
I was so proud of not giving my heart to sir

Ghalib Shayari on Love

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना

दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना

isharat-e-qatara hai dariya mein fana ho jaana

dard ka had se guzarana hai dava ho jaana

Ishrat-e-Qatara is to perish in the river

To pass the limit of pain is to become medicine

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Greatest Ghalib Shayari on Love: sabr karo ghalib 1

Greatest Ghalib Shayari on Love: sabr karo ghalib 1

Greatest Ghalib Shayari on Love: sabr karo ghalib

sabr karo gaalib

thoda ishk ko sanvarane do

unhe bhee ehasaas hoga ishk ka

thoda vakt to gujarane do..!

सब्र करो गालिब
थोड़ा इश्क को संवरने दो
उन्हे भी एहसास होगा इश्क का
थोड़ा वक्त तो गुजरने दो..!

Have some patience ghalib
let some love shine,
they will also feel love
Let some time pass..!

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Mirza Ghalib Famous Shayari 20 | मिर्ज़ा ग़ालिब के मशहूर 20 शायरी

Mirza Ghalib Famous Shayari 20 | मिर्ज़ा ग़ालिब के मशहूर 20 शायरी

Mirza Ghalib Famous Shayari 20 | मिर्ज़ा ग़ालिब के मशहूर 20 शायरी

Lets go through this post having 20 Mirza Ghalib Famous Shayari. It’s always a pleasure to read out the legends creations of shayari and poetry. Let’s check out how this piece of Mirza Ghalib Famous Shayari shakes your emotions.

Mirza Ghalib Famous Shayari 20 | मिर्ज़ा ग़ालिब के मशहूर 20 शायरी

1. हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.
2. उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है.
3. रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं कायल
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है.
4. वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं
कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं.
5. यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं,
अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो.
6. मोहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का,
उसी को देखकर जीते है जिस काफिर पे दम निकले.
7. हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है,
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है.
8. इस सादगी पे कौन न मर जाये ऐ खुदा
लड़ते है और हाथ में तलवार भी नहीं.
9. इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के.
10. क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँ,
रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन.
11. कितना खौफ होता है रात के अंधेरों में,
पूछ उन परिंदो से जिनके घर नहीं होते.
12. मेहरबान होके बुला लो मुझे चाहो जिस वक्त
में गया वक्त नहीं हूँ की फिर आ भी न सकूँ.
13. बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे.
14. आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है, तेरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक.
15. इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना,
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना.
16. हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,
दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है.
17. जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा,
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है.
18. इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’,
कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे.
19. हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.
20. रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी,
तो किस उम्मीद पे कहिये के आरज़ू क्या है.

Mirza Ghalib Famous Shayari 20 | मिर्ज़ा ग़ालिब के मशहूर 20 शायरी

hazaaron khvaahishen aisee ki har khvaahish pe dam nikale
bahut nikale mere aramaan lekin phir bhee kam nikale.
un ke dekhe se jo aa jaatee hai munh par raunaq
vo samajhate hain ki beemaar ka haal achchha hai.
ragon mein daudate phirane ke ham nahin kaayal
jab aankh hee se na tapaka to phir lahoo kya hai.
vo aae ghar mein hamaare, khuda kee qudarat hain
kabhee ham unako, kabhee apane ghar ko dekhate hain.
yahee hai aazamaana to sataana kisako kahate hain,
adoo ke ho lie jab tum to mera imtahaan kyon ho.
mohabbat mein nahin hai phark jeene aur marane ka,
usee ko dekhakar jeete hai jis kaaphir pe dam nikale.
har ek baat pe kahate ho tum ki too kya hai,
tumheen kaho ki ye andaaz-e-guftagoo kya hai.
is saadagee pe kaun na mar jaaye ai khuda
ladate hai aur haath mein talavaar bhee nahin.
ishq ne ‘gaalib’ nikamma kar diya
varana ham bhee aadamee the kaam ke.
qarz kee peete the may lekin samajhate the ki haan,
rang laavegee hamaaree faaqa-mastee ek din.
kitana khauph hota hai raat ke andheron mein,
poochh un parindo se jinake ghar nahin hote.
meharabaan hoke bula lo mujhe chaaho jis vakt
mein gaya vakt nahin hoon kee phir aa bhee na sakoon.
baazeecha-e-atafaal hai duniya mere aage
hota hai shab-o-roz tamaasha mere aage.
aah ko chaahie ik umr asar hote tak
kaun jeeta hai, teree zulf ke sar hote tak.
hamako maaloom hai jannat kee haqeeqat lekin,
dil ke khush rakhane ko ‘gaalib’ ye khayaal achchha hai.
jala hai jism jahaan dil bhee jal gaya hoga,
kuredate ho jo ab raakh justajoo kya hai.
ishq par jor nahin hai ye vo aatish ‘gaalib’,
ki lagaaye na lage aur bujhaaye na bujhe.
hazaaron khvaahishen aisee ki har khvaahish pe dam nikale,
bahut nikale mire aramaan lekin phir bhee kam nikale.
rahee na taaqat-e-guftaar aur agar ho bhee,
to kis ummeed pe kahiye ke aarazoo kya hai.
isharat-e-qatara hai dariya mein fana ho jaana,
dard ka had se guzarana hai dava ho jaana.

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Best Motivational Shayari: Shakhon se toot jaye vo 1

Best Motivational Shayari: Shakhon se toot jaye vo

Best Motivational Shayari: Shakhon se toot jaye vo

Shakhon se toot jaye vo patte nahi hain hum
Aandhi se koi keh de ki aukaat mein rahe

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे

– Rahat Indori

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Khairaat main mili khushi: Mirza Ghalib Famous Shayari 1

 
खैरात में मिली ख़ुशी मुझे अच्छी नहीं लगती ग़ालिब,

मैं अपने दुखों में रहता हु नवावो की तरह।

Ghalib, I don’t like the happiness received in charity,
I live in my sorrows like Duke.

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Famous Ghalib Shayari 1 : Ishq ne ghalib

Famous Ghalib Shayari 1 : Ishq ne ghalib

Famous Ghalib Shayari : Ishq ne ghalib

Ishq ne gaalib nikamma kar diya,
Varna hum bhee aadmi the kaam ke !

इश्क़ ने गालिब निकम्मा कर दिया,
वर्ना हम भी आदमी थे काम के !

Ghalib Love made us useless,
Otherwise we were also very resourceful men!

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Ghalib Famous Shayari: Manjil milegi bhatak 1

Ghalib Famous Shayari: Manjil milegi bhatak

Ghalib famous shayari: manjil milegi bhatak

Manzil milegi, bhatak kar hi sahi…
Gumraah to wo hain, jo ghar se nikle hi nahi…

मंज़िल मिलेगी, भटक कर ही सही…
गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं…

You will reach your destination only by wandering…

Misguided are those, who didnt come out of home at all.

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